Posts

My Story : Cycle

Image
साईकिल यार तन्मय मुझे एक बात बता, "ये जो नई लड़की अपनी क्लास में आई है, क्या नाम उसका?" चेतन ने अपना टिफिन बॉक्स मेरी तरफ सरकाते हुए मुझसे पूछा। मैंने भी बॉक्स उठाते हुए जवाब दिया : "कौन? शिखा!" "हाँ वही शिखा।" तुझे कैसी लगती है? चेतन का सवाल सुनकर मैं कुछ देर के लिए स्तब्ध रह गया, मैं उसकी इस बात का कुछ जवाब देता उससे पहले ही उसने अपनी बात जारी रखते हुए कहा : "मुझे तो बहुत घमंडी सी लगती है, ना किसी से बात करती है और ना ही क्लास में किसी के साथ घूमती है, बस हमेशा अकेले रहती है"। "नहीं यार, ऐसा नहीं है! वो अभी इस स्कूल में नई है, शायद इसीलिए"। "काहे कि नई! स्कूल खुले १ महीना हो गया, मासिक टेस्ट भी हो गए, अब तक तो सब नए पुराने हो चुके यार, चेतन बोला। तन्मय : "बात तो तू ठीक कह रहा है पर उसे किस बात का घमंड होगा?"  चेतन : "अपने टोपर होने का"। तन्मय : "टोपर!   (मुझे चेतन की बात सुनकर थोड़ा आश्चर्य हुआ।) चेतन : "हाँ, क्लास ८ में उसने पूरे जिले में टॉप किया है, बस इसी बात का घमंड होग

My Blog : What are the 5 essential things in her Handbag?

Image
Hey Girl! What's in your bag? After the bad hot months of summer, when the sun burns like a barbecue and the world scorch on the red rods of hard work and responsibilities, a shower from the sky creates magic. On that  wonderful day Meera went for a day out with her colleagues in a nature park. Mrs. Shivani, the senior HR personnel of the company was also with them. All the gals were enjoying near water fall and guys were playing volleyball. Everyone was very happy & relaxed. All of a sudden there was a rush in boys and so the girls ran to them, Meera screamed, oops! Sanjay got hurt, his knee got injured and its bleeding too. Mrs. Shivani opened her hand bag and pick out a small green pipined floral print pouch from which she gave a pod of cotton to wipe the blood and a bandaid to treat the wound. Now everything was under control. Then there was a great time with snacks and they shared their boxes and enjoyed cool beverages meanwhile dhruv needs to taste the pa

My Blog : क्यों खेला जाता है गरबा!!

Image
गरबा की धूम नवरात्रि के दिनों में गरबा की धूम अलग ही रौनक जमाती है। बहुत से लोग तो ऐसे हैं जो नवरात्रि का इंतजार ही इसलिए करते हैं क्योंकि इस दौरान उन्हें गरबा खेलने, रंग-बिरंगे कपड़े पहनने की अवसर मिलेगा। गुजरात भारत का पश्चिमी प्रांत, गुजरात तो वैसे ही गरबे की धूम के लिए अपनी अलग पहचान रखता है लेकिन अब तो भारत समेत पूरे विश्व में नवरात्रि के पावन दिनों में गरबा खेला जाता है। गरबा खेलने की शुरुआत ये सब तो बहुत कॉमन बातें हैं जो अमूमन सभी लोग जानते हैं। गरबा खेलना और गरबे की रौनक का आनंद उठाना तो ठीक है लेकिन क्या आप जानते हैं कि गरबा खेलने की शुरुआत कहां से हुई और नवरात्रि के दिनों में ही इसे क्यों खेला जाता है? गरबा और नवरात्रि का कनेक्शन गरबा और नवरात्रि का कनेक्शन आज से कई वर्ष पुराना है। पहले इसे केवल गुजरात और राजस्थान जैसे पारंपरिक स्थानों पर ही खेला जाता था लेकिन धीरे-धीरे इसे पूरे भारत समेत विश्व के कई देशों ने स्वीकार कर लिया। शाब्दिक अर्थ गरबा के शाब्दिक अर्थ पर गौर करें तो यह गर्भ-दीप से बना है। नवरात्रि के पहले दिन छिद्रों से लैस एक मिट्टी के घड़े को