बच्चे की बोली जैसे कुंए की आवाज़
बच्चे की बोली जैस कुंए की आवाज़ बच्चों को जन्म देना और उनकी तन्दुरुस्ती का ध्यान रखना मात्र ही तो परवरिश नहीं। माता पिता के लिए बच्चे के और भी जरूरी जिम्मेदारी है उन्हें अच्छा इन्सान बनाना। यह एक सतत प्रक्रिया है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है उसे कई संस्कार सिखाए जाते हैं। बच्चों में संस्कार माता पिता के अलावा सभी परिवार जनों की भी जिम्मेदारी है। यदि बच्चा समाज में ठीक तरह विचरण न कर सके तो यह भी परिजनों की ही कमी का परिणाम होगा। समाज में रहने के बहुत से नियम है और एक नियम भाषा का भी है हमें अपने बच्चों को सही तरह से बोलना भाषा का सकारात्मक इस्तेमाल करना सिखाना चाहिए और इसे सिखाने के लिए अलग से कोई स्कूल या क्लास की आवश्यकता नहीं होती। हम जिस तरह रोज आपस में बातचीत करते हैं उसी से बच्चे सीखते हैं। एक नवजात शिशु को क्या पता कि उसे हिंदी, इंग्लिश या कोई अन्य भाषा बोलनी है वह तो अपने परिजनों की बातचीत से ही भाषा को अपनाता है मम्मी-पापा, आई-बाबा या मॉम-डैड यह सब अपने आसपास की भाषा से ही तो सीखता है ना। तो सकारात्मक भाषा और नकारात्मक भाषा का प्रयोग भी निश्चित तौर पर वह अपने परि...