Posts

Showing posts with the label innocent poetry

Collection of my poems : Aksss "अक्स (A Reflection of my soul)"

अक्स (A Reflection of my soul) "स्याही की भी मंज़िल का अंदाज देखिए हुजूर, खुद-ब-खुद बिखरती है तो दाग़ बनती है, जब कोई बिखेरता है तो अल्फाज़ बन जाती है।।"             कम शब्दों में बड़ी बात कहने की इस कला को ही हिंदी में कविता, इंग्लिश में पोयम और उर्दू में शायरी कहा जाता है। यह भाषा का ऐसा निराला रूप है जिसे लिखने में जितना मज़ा आता है उतना ही इन्हें पढ़ने और सुनने में आनंद की अनुभूति होती है। सीधे सपाट शब्दों में कही गई बात से ज्यादा खूबसूरत तुकबंदी में कही गई बात में होती है।  इस पुस्तक में मैंने मेरे मन के अक्स को आप सबके सामने प्रस्तुत करने की चेष्टा की है।  मेरी कविताओं के शीर्षक वैसे तो कुछ आम ही हैं, परंतु इन कविताओं की खासियत यह है कि इन कविताओं के माध्यम से गृहणियों व महिलाओं के मन में के हाल को दर्शाया गया है। उनके विचारों का अक्स आप इन शब्दों की माला में महसूस कर सकेंगे। कविताओं की श्रंखला कुछ सब टाइटल्स द्वारा विभाजित कर प्रस्तुत किया गया है जैसे: वंदन, मंथन, आत्म साक्षात्कार आदि। इन कविताओं की सोच ...

Hindi poems on "Khwab"

Image
Khwab हमने बनाया था ख्वाबों का गुलिस्तां, जहाँ जस्बातों की सतह पर प्यार के गुल खिले थे अपनेपन और इज़्ज़त के दरख्तों पर सुकून के रसीले फल लदे थे महक रहा था गुलज़ार अरमानों का मोहबतों के झूले बंधे थे उन झूलों पर झूलती मैं उन झूलों पर झूलती मैं, अपनी हर खवाहिश कि नुमाइश करती, ऊँचे ऊँचे तेज़ भर्ती थी। अपने वज़ूद पर इतराती, अपना अक्स झील में देखा करती.... अरे ! उस झील का ज़िक्र क्यों छूट गया..... जिसके पानी में प्यार बहता था। वो प्यार जो अहम है  मेरा जिसमें मैं ही मैं झलकती हूँ प्यार ऐसा की जिसकी आघोष में मेरे सारे एब छुप गए हैं कहीं। ख्वाब तो ख्वाब हैं, हकीकत तो नही हकीकत इतनी खुशनुमा नही होती यहाँ सब पर मैं नही मेरा वज़ूद हारा सा, बेमाने सा अपनी ख्वाबों की टोकरी उठाये  भटक रहा है यहाँ वहां.... ....