विद्या दान
विद्या दान
देश भक्ति का अर्थ हथियार लेके बॉडर पर लड़ना ही है क्या? र्कान्ति का मतलब नारेबाज़ी और अनशन है क्या?
ये तो जज्बे की बात है, जब इनसान का हृदय चितकार करे और समाज को अपने होने का सबूत देते हुए निस्वार्थ भाव से कुछ दान करे तब शायद कृान्ति आए और वही सच्ची देशभक्ति हो।
एक दिन रामा पापा समस्त परिवार को घुमाने के बहाने हमारे शहर की हरिजन बस्ती में ले गए। स्वाभाविक था, हम सब हैरान थे। फिर लगा शायद उन्हें कुछ काम होगा। पर वे बोले चलो तुम लोग सामने मंदिर में जा के बैठो मैं अभी आया। फिर उन्होंने एक घंटी बजाई और आसपास की झोपड़ीयों से लोग- बूढ़े, जवान और महिलाएं मंदिर के आंगन में दरी बिछा कर बैठ गए। उन्होंने सभी को राम राम कह कर मंदिर की ताक पर रखी कॉपि़यां सभी में बाँट दी। सामने की दीवर पर रोलर बोर्ड टाँगा और सभी से अपने परिवार का परिचय करवाया। तब पता लगा की पिछले एक माह से पापा यहाँ पौढ़ शिक्षा शिविर चला रहे हैं।
कई दिनों से वे ऑफिस से कुछ देर से आ रहे थे, पूछने पर भी कुछ खास नहीं बताते थे।
उस दिन उन्होंने बताया कि रोज़ इस बस्ती के साथ वाली सड़क से वे ऑफिस जाते थे, उसी दौरान उनके मन में ये विचार आया। फिर उन्होंने अपने पैसों से स्टेशनरी का सामान खरीदा और एक शाम ऑफिस से सीधा यहाँ आ गये।
पर सब उतना आसान भी नहीं था। उन लोगों को विश्वास दिलाने और इस उम्र में पढ़ने को राजी करने में रीमा पापा को बहुत पापड़ बेलने पड़े। रोज शाम उनके बीच बैठना, बातें करना, उनके साथ उनके हाथ से मिठाई खाना, चाय पार्टी करना। तब जा कर वे समझे और पढ़ाई के लिये मान गये। अब रीमा का परिवार रोज शाम वहाँ जा कर सबको पढ़ाते। दो माह में हमने उन्हें नाम लिखना, हिसाब करना और पढ़ना सिखाया। छोटे छोटे कदम अपने घर से बाहर समाज का कर्ज उतारना भी हमारा ही फर्ज है।
………धन्यवाद……..
Comments
Post a Comment