मेरी बड़ी सहेली "My Elderly Friend"


मेरी बड़ी सहेली


          जीवन में कभी किसी मोड़ पर कुछ ऐसे लोग मिल जाते हैं, जो आपके दोस्त और बहुत अच्छे सलाहकार बन जाते हैं। जिन मसलों पर हम अक्सर परेशान हो जाया करते हैं और कोई राह नहीं मिल पाती, तब ऐसे लोग आपको सही राह दिखाने में मदद करते हैं। वो किसी भी उम्र, देश या समुदाय के हो सकते हैं। उनकी बातों व उनके अनुभवों से हमें सकारात्मक रहा मिल  पाये यही सबसे ज़रूरी बात है।
बात उन दिनों की है जब हम कोलकाता में रहते थे। एक शाम मेरी डोरबैल बजी सामने एक  टॉल, स्लिम जीन्स टी-शर्ट पहनी एक लड़की खड़ी थी। पूछने पर पता चला कि वे आज ही हमारी बिल्डिंग में शिफ्ट हुए हैं और केयर टेकर ने उन्हें हमारे बारे में बताया कि हम भी पंजाबी हैं। 
            हमने कुछ बात चीत की तो पता चला कि उनके पति भारतीय सेना में हैं और दो बेच्चे हैं और दोनों काफ़ी बड़े। उन्हें देख कर कोई भी उनकी उम्र का अन्दाजा नहीं लगा सकता।
         देखते ही देखते हम दोनों में एक अच्छा सामन्जस्य बन गया। हम एक ही बिल्डिंग में थे और रोज शाम सुबह मुलाकात हुई जाया करती थी बातों ही बातों में जिंदगी के कुछ खास नियम उन्होंने मुझे समझाएं।

नियम संख्या 1:  शादी के बाद हर लड़की को अपने कर्तव्यों को मन से अपना लेना चाहिए।
उन्होंने मुझे समझाया कि जब तक हम अपने मन को इस बात को नहीं समझाते कि अब हमारे ऊपर जो जिम्मेदारियां हैं उन्हें बांटने के लिए कोई नहीं आएगा उन्हें हमें खुद ही करना होगा तब तक हम हमेशा टेंशन में रहते हैं। तो बेहतर है कि इस बात को मान लीजिए कि यह काम आपके हैं और आप ही को इन्हें सुचारू रूप से करना या घर के बाकी लोगों यह सहायकों से करवाना है।

 नियम संख्या 2: किसी से यह ना पूछें कि खाना कैसा बना है? या आपका किया कैसा हुआ है? 
यदि आपके काम में दक्षता है, तो सामने वाला स्वयं आपकी तारीफ करेगा। पूछने पर जबरन तारीफ सुनने से क्या फायदा।  यदि उल्टा कोई जवाब मिल गया तो मन दुखेगा। इससे बेहतर है मत पूछो।

 नियम संख्या 3: सबसे पहले खुद का ध्यान रखें,  सुबह उठकर चंद मिनट अपने आपको दो अपने आपसे वह बातें कहें जो आप खुद के लिए सुनना चाहते हों, क्योंकि आज के जमाने में किसी के पास ना इतना वक्त नहीं है की वो आप को प्रोत्साहन दें सके। तो बेहतर है कि खुद ही खुद को प्रोत्साहित करें और दिनभर जितना हो सके मुस्कुराते रहें।
         इस नियम के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि औरत, मां, बहू, पत्नी घर की नींव और आत्मा की तरह होती हैं। जैसे आत्मा के बगैर जीव मृत घोषित कर दिया जाएगा और नींव के बगैर बिल्डिंग गिर जाएगी उसी तरह यदि घर में महिला ना हो अथवा उदास हो तो घर बेकार बंजर हो जाएगा। यदि औरत हर वक्त मुस्कुराती रहे तो हर वह काम जो वो कर रही है उसमें जाना जाएगी और घर में सभी लोग स्वता ही मुस्कुराने लगेंगे।
            कमल जी के यह खूबसूरत नियम मेरी जिंदगी में बहुत मायने रखते हैं जब से मैंने इन नियमों को सुचारु रुप से अपने जीवन में अपनाया है, मैं खुश रहती हूं। मुझे खास किसी से कोई उम्मीद नहीं रहती और जब आगे से कोई मेरी तारीफ करता है तो मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लगता है। 
           कमल जी मुझसे काफी बड़ी हैं लेकिन मैं आज तक उनको कोई संबोधन नहीं दे पाई। मेरे लिए वे मेरी मित्र ही हैं, उन्होंने भी अपने जीवन में कई कष्ट सहे हैं। कुछ मुझे पता है कुछ नहीं मगर मैंने जबसे उन्हें देखा है तब से अब तक हमेशा मुस्कुराते हुए, शांत और खिला-खिला दिखा है। उन्हें देखकर मुझे महसूस होता है जीना इसी का नाम है।
 यदि आपको मेरी कहानी और मेरी सहेली  के दिए नियम पसंद आए हों तो, प्लीज कमेंट कीजिए और मुझे फॉलो कीजिए मैं आपके लिए और लेख लाती रहूंगी।
धन्यवाद...... 

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