मां
मां
रिश्तो के तो नाम कही है
पर मां होना आसान नहीं है
अपना हर एक ख्वाब भुला कर
खुश रहना आसान नहीं है
एक एक काम है मां के जिम्मे
समय सारणी सख्त बड़ी है
हर पल काम में उलझे रहना
सज्जनों आसान नहीं है
माना यह एहसान नहीं है
किसी पर यह इल्जाम नहीं है
पर अंतर्मन की अभिलाषा को
भुला पाना आसान नहीं है
घर छोड़ो तो घर बिगड़ेगा
मन तोड़ो तो मन बिगड़ेगा
दोनों को समेट के चलना
यह भी तो आसान नहीं है
सबसे कठिन तो तब लगता है
जब कोई नहीं समझ पाया है
कैसे मां ने पूरी की है
हर रिश्ते की जिम्मेदारी
कर कर के भी नाम न मिलना
हक्का वह सम्मान न मिलना
हंस कर सब कुछ डालते रहना
बिल्कुल भी आसान नहीं है
बिल्कुल भी आसान नहीं है
Comments
Post a Comment