hindi kavita:- प्यार क्या है कैसा होता है



प्यार क्या है कैसा होता है
 ये शब्दों में कैसे बांधूं?
यह एहसासों का सागर है और
राहत की धारा जैसा है

प्यार लड़कपन में, चहकती चिड़िया सा
जो आंखों से दिल में उतरता है
एक दूजे की आहट भर से
दिल पंख पसारने लगता है

प्यार विवाह के बाद ज़रा ख़ारा सा हो जाता है
अपने दायित्वों में उलझा ये कुछ भी समझ नहीं पाते हैं
पर
प्यार तब भी था जब रातों को लंबी बातें करते थे
प्यार अब भी है जब रातों में बारी-बारी से सोते हैं
प्यार तब भी था जब एक दूजे को जानू जानू कहते थे
प्यार अब भी है जब सुनो जी कहकर बस काम की बातें करते हैं
इन सब के चलते भी प्यार पल पल गहरा होता है
क्योंकि,
यह एहसासों का सागर है और राहत की धारा जैसा है

प्यार बुढ़ापे में सबसे गहरा और कीमती सा हो जाता है
जब धुंधलाई सी नजरों में बस एक सहारा दिखता है
और एक दूजे के साथ में ही रब जैसा आलम मिलता है
तब सारी दुनिया भूल के बस इक दूजा की परवाह करते हैं
क्योंकि
यह एहसासों का सागर है और राहत की धारा जैसा है।।

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